भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 40 - (कुलक्षये प्रणश्यन्ति कुलधर्माः सनातनाः)
Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 40
Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 40 |
कुलक्षये प्रणश्यन्ति कुलधर्माः सनातनाः ।
धर्मे नष्टे कुलं कृत्स्नमधर्मोऽभिभवत्युत ॥
अर्जुन, कौरव सेना के सभी योद्धाओं के देखकर श्रीकृष्ण से कहते हैं कि........
कुल के नाश से सनातन कुल-धर्म नष्ट हो जाते हैं तथा धर्म का नाश हो जाने पर सम्पूर्ण कुल में अधर्म फैल जाता है |
- भगवतगीता
- अध्याय 1, श्लोक 40
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