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माँ की मन्नतें (माँ पर आधारित ममतमायी कविता) Small poem on mother in hindi

माँ की मन्नतें (माँ पर आधारित ममतमायी कविता)
 Best poem on mother in Hindi

" माँ " एक शब्द नहीं, बल्कि संपूर्ण जगत को जन्म देने वाली, पालन पोषण करने वाली, अपने ममतामयी गोद में सबको खिलाने वाली जननी है । जिसके होने से ही यह सम्पूर्ण जगत स्थित है । 

इतनी सेवा और प्यार के बदले पुत्र के द्वारा एक बार " माँ " कहकर बुलाना ही माँ को असीम आनंद और सुख देने वाला है । 
माँ अपने किए गए उपकार के बदले कभी भी कुछ भी नहीं लेती । इसलिए तो माँ, माँ है ।

माँ के द्वारा उसके पुत्र के लिए की गई प्रार्थनाओं/मन्नतों के बदले पुत्र क्या सोचता है । ठीक उन्हीं बातों को इस कविता में कवि के द्वारा उजागर किया गया है ।

पाठकों से अनुरोध है, कि अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें ।


Best-poem-on-mother-in-hindi-maa-ki-mannatein-maa-par-kavita-hindi-meमाँ की मन्नतें (माँ पर आधारित ममतमायी कविता) - best poem on mother in hindi
 Best poem on mother in Hindi

करती हो तुम कितनी मन्नतें,
माँ, आठों प्रहर मेरे लिए।
मेरा सौभाग्य होगा यदि,
मैं भी, कुछ कर जाऊँ तेरे लिए ।।

तू कहती थी, सूरज -चँदा,
मैं तुझको वही लाकर दे दूँ । 
तनिक तू मुस्कुरा दे, माँ,
खुद को भी न्योछावर कर दूँ।।

तेरा आशीष मिले मुझको,
तभी सब काम कर पाऊँ ।
तेरी जो हो आज्ञा मईया,
धरा से व्योम मिला आऊँ ।।

तेरी दुआएँ लगें मुझको ।
मेरा सौभाग्य बन जाएगा ।।
सदा ही हे मेरी माता,
ये पुत्र तेरा ऋणी रहेगा ।।

© आशीष उपाध्याय 

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