बहन हमारी है (बहन पर कविता हिन्दी में)
Poem on sister in hindi
Poem on sister in hindi
जो हँसे, गुनगुनाए , खिलखिलाए आँगन में मेरे ,
जो कहे सदा तुम्हारे साथ ही रहना है |
निश्छल प्रेम छलकाते हैं, जिसके नैना,
वो सबसे प्यारी, बहन हमारी है | |
सहस्त्र बरस मेरे जीवन की करती है दुआएँ,
सावन की पूनम को, जो कलाई सजाती है |
पतली सी डोर-से कर लेती है, जो वशीभूत मुझे,
वो वंदनीय, बहन हमारी है | |
जिसमे, कभी पिता का स्नेह, तो कभी, माँ की ममता नज़र आती है,
बिना कहे, जो सबकुछ समझ जाती है |
कोयल सी बोली में जो, "भैया" कहकर बुलाती है,
वो "कोकिला" बहन हमारी है | |
अपनी सुविधाओं में कटौती कर,
आठों प्रहर जो, मेरा ख्याल रखती है |
श्रीकृष्ण भगिनी, सुभद्रा सदृश, पूजनीय है जो,
वो "देवी" बहन हमारी है | |
© कवि आशीष उपाध्याय " एकाकी "
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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