श्रीकृष्ण पर कविता (हिन्दी में)
Poem on Krishna in Hindi
जब आधी रात हुई, कुछ ऐसी बात हुई ।
तोड़ बेड़ियों को सारी, कृष्ण लिए अवतार ।।
सब लोग दौड़े आए, झूमे नाचे और गाएँ ।
प्रभु मुस्कुराए सुन, भक्तगण की पुकार ।।
लगे खूब भोग मेवा, करते हैं सभी सेवा ।
पहना रहे हैं सभी, प्रभु गले पुष्प हार ।।
देख रहे सब ईश, हाथ जोड़ता आशीष ।
बरसा रहे हैं कृष्ण, प्रेमरस एकसार ।।
© आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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