भगवदगीता अध्याय 2, श्लोक 63 - (क्रोधाद्भवति सम्मोहः सम्मोहात्स्मृतिविभ्रमः)
Bhagwadgeeta Adhyay 2, Shlok 63 in Hindi
क्रोधाद्भवति सम्मोहः सम्मोहात्स्मृतिविभ्रमः ।
स्मृतिभ्रंशाद् बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति ॥
श्री भगवान् ने कहा -
क्रोध से अत्यन्त मूढ़ भाव उत्पन्न हो जाता है, मूढ़ भाव से स्मृति में भ्रम हो जाता है, स्मृति में भ्रम हो जाने से बुद्धि अर्थात ज्ञानशक्ति का नाश हो जाता है और बुद्धि का नाश हो जाने से यह पुरुष अपनी स्थिति से गिर जाता है |
- भगवतगीता
- अध्याय 2, श्लोक 63
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