Ticker

6/recent/ticker-posts

भगवदगीता - अध्याय 3, श्लोक 40 (Bhagwadgeeta Adhyay 3, Shlok 40 in Hindi)

भगवदगीता  - अध्याय 3, श्लोक 40
Bhagwadgeeta Adhyay 3, Shlok 40 in Hindi 

भगवदगीता  - अध्याय 3, श्लोक 40 Bhagwadgeeta Adhyay 3, Shlok 40 in Hindi, geeta shlok in hindi, geeta adhyay 3 shlok 40, geeta gyan hindi me, geetagyan
Bhagwadgeeta Adhyay 3, Shlok 40 in Hindi 

इन्द्रियाणि मनो बुद्धिरस्याधिष्ठानमुच्यते ।
एतैर्विमोहयत्येष ज्ञानमावृत्य देहिनम्‌ ॥

श्री भगवान ने कहा ...

इन्द्रियाँ, मन और बुद्धि- ये सब इसके वासस्थान कहे जाते हैं। यह काम इन मन, बुद्धि और इन्द्रियों द्वारा ही ज्ञान को आच्छादित करके जीवात्मा को मोहित करता है।

- भगवदगीता  
- अध्याय 3, श्लोक 40
Reactions

Post a Comment

0 Comments