भगवदगीता - अध्याय 6, श्लोक 18
Bhagwadgeeta Adhyay 6, Shlok 18 in Hindi
यदा विनियतं चित्तमात्मन्येवावतिष्ठते ।
निःस्पृहः सर्वकामेभ्यो युक्त इत्युच्यते तदा ॥
श्री भगवान ने कहा ...
अत्यन्त वश में किया हुआ चित्त जिस काल में परमात्मा में ही भलीभाँति स्थित हो जाता है, उस काल में सम्पूर्ण भोगों से स्पृहारहित पुरुष योगयुक्त है, ऐसा कहा जाता है ।
- भगवदगीता
- अध्याय 6, श्लोक 18
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