भगवदगीता का पहला श्लोक - धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे
First Shlok of Bhagwadgeeta in Hindi
मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय ॥
भावार्थ : धृतराष्ट्र ने कहा - हे संजय! धर्म-भूमि और कर्म-भूमि में युद्ध की इच्छा से एकत्र हुए मेरे पुत्रों और पाण्डु के पुत्रों ने क्या किया?
पहला अध्याय जहां बहुत ही प्रश्नपूर्ण है, वहीं एक सटीक संदेश भी है, कि हर व्यक्ति को अपने कर्मों का अर्थात लक्ष्य का निर्धारण करने से पहले किन - किन बातों का ध्यान रखना चाहिए |❤️❤️❤️
- भगवतगीता
- अध्याय 1, श्लोक 1
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