सॉंच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप
(Sach barabar tap nahi- Kabir Das)
sach barabar tap nahi in hindi |
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इस दोहे में सत्य की प्राथमिकता को बहुत ही सजीले रूप से उजागर किया गया है |
सॉंच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप।
जाके हिरदै सॉंच है, ताके हिरदै आप।।
अर्थ:
कबीर दस जी सत्य की महत्ता को बताते हुए कहते हैं की इस जगत में सत्य ही सर्वोपरि है, सत्य के मार्ग पर चलने के समान कोई दूसरा तपस्या नहीं है और ना ही झूठ बोलने से बड़ा कोई पाप है क्योंकि जिसके ह्रदय में सत्य का निवास होता है उसके ह्रदय में साक्षात् परमेश्वर वास करते हैं |
सन्देश :-
हमें अपने जीवन में हमेशा सत्य का सहारा लेना चाहिए न कि झूठ का |
1 Comments
Nice
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