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सच्चिदानन्द रूपाय विश्व उत्पत्यादिहेतवे (Sachidanand Rupay Mantra in Hindi)

सच्चिदानन्द रूपाय विश्व उत्पत्यादिहेतवे 
(Sachidanand Rupay Mantra in Hindi)

Sachidanand Rupay Mantra in Hindi, सच्चिदानन्द रूपाय विश्व उत्पत्यादिहेतवे | तापत्रय विनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नमः || जो सत्य, चित्त और आनंद के स्वरूप
Sachidanand Rupay Mantra in Hindi

About this Shlok
प्रस्तुत श्लोक में भगवान श्री कृष्ण के पावन स्वरूपों का वर्णन करते हुए उन्हें श्रद्धा पूर्वक प्रणाम किया गया है |

श्लोक इस प्रकार से है - 

सच्चिदानन्द रूपाय विश्व उत्पत्यादिहेतवे |
तापत्रय विनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुमः ||

अर्थ इस प्रकार से है - 
जो सत्य, चित्त और आनंद के स्वरूप हैं, जो संपूर्ण विश्व की उत्पत्ति और प्रलय के कारण हैं | जो तीनों प्रकार के तापों (दैहिक, दैविक और भौतिक) का विनाश करने वाले हैं, उन परम पिता भगवान श्री कृष्ण जी महाराज को हम सब प्रणाम करते हैं |

संदेश -
हमें अपने सर्वस्व भौतिक सुखों और दुखों को सत्य, चित्त और आनंद के स्वरूप भगवान श्री कृष्ण के पावन एवं पुनीत चरणों में समर्पित करके अपने हृदय में उन्हें स्थान देना चाहिए | जिससे हमारा कल्याण होगा |

Ⓒ कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 
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