भगवदगीता - अध्याय 6, श्लोक 29
Bhagwadgeeta Adhyay 6, Shlok 29 in Hindi
सर्वभूतस्थमात्मानं सर्वभूतानि चात्मनि ।
ईक्षते योगयुक्तात्मा सर्वत्र समदर्शनः ॥
श्री भगवान ने कहा ...
सर्वव्यापी अनंत चेतन में एकीभाव से स्थिति रूप योग से युक्त आत्मा वाला तथा सब में समभाव से देखने वाला योगी आत्मा को सम्पूर्ण भूतों में स्थित और सम्पूर्ण भूतों को आत्मा में कल्पित देखता है ।
- भगवदगीता
- अध्याय 6, श्लोक 29
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