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भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 32 - (न काङ्‍क्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखानि च)

भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 32 - (न काङ्‍क्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखानि च)
Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 32 Hindi


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न काङ्‍क्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखानि च।
किं नो राज्येन गोविंद किं भोगैर्जीवितेन वा ॥


अर्जुन, कौरव सेना के सभी योद्धाओं के देखकर श्रीकृष्ण से कहते हैं कि........


हे कृष्ण! मैं न तो विजय चाहता हूँ और न ही राज्य और न सुखों को ही ! हे गोविंद! हमें ऐसे राज्य से क्या प्रयोजन है अथवा ऐसे भोगों से और जीवन से भी क्या लाभ है ?


- भगवतगीता
- अध्याय 1, श्लोक 32

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