भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 34 - (आचार्याः पितरः पुत्रास्तथैव च पितामहाः)
Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 34
Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 34 |
आचार्याः पितरः पुत्रास्तथैव च पितामहाः ।
मातुलाः श्वशुराः पौत्राः श्यालाः संबंधिनस्तथा ॥
अर्जुन, कौरव सेना के सभी योद्धाओं के देखकर श्रीकृष्ण से कहते हैं कि........
गुरुजन, ताऊ-चाचे, लड़के और उसी प्रकार दादे, मामे, ससुर, पौत्र, साले तथा और भी संबंधी लोग हैं ॥
- भगवतगीता
- अध्याय 1, श्लोक 34
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box.
Emoji