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यत् प्रोक्तं येन केनापि तस्य तत्त्वार्थनिर्णयः (Yat Proktam kenapi in Hindi)

यत् प्रोक्तं येन केनापि तस्य तत्त्वार्थनिर्णयः
 (Yat Proktam kenapi in Hindi)

yat proktam kenapi in hindi, यत् प्रोक्तं येन केनापि तस्य तत्त्वार्थनिर्णयः। कर्तुं शक्यो भवेद्येन स विवेक इतीरितः॥ Shemushi Sanskrit Class 10 solutio
Yat Proktam kenapi in Hindi

About
इस श्लोक के द्वारा विवेक के बारे में बताया गया है |

यत् प्रोक्तं येन केनापि तस्य तत्त्वार्थनिर्णयः।
कर्तुं शक्यो भवेद्येन स विवेक इतीरितः॥

अर्थ 
यदि कोई बात किसी व्यक्ति के द्वारा कहा गया है, तो उस बात के वास्तविक अर्थ को समझने में जिस तर्किक क्षमता या बुद्धि का प्रयोग किया जाता है उसे विवेक कहा जाता है | अर्थात् जिस बौद्धिक क्षमता के द्वारा किसी के द्वारा कहे हुए बात को समझना मुमकिन हो जाता है उसे विवेक कहते हैं |

संदेश 
हमें सभी बातों को उचित रूप से विवेक से समझकर ही कोई निर्णय लेना चाहिए |

© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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