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विद्वांस एव लोकेऽस्मिन् चक्षुष्मन्तः प्रकीर्तिताः (Vidwansh ev loke Asmin in Hindi)

विद्वांस एव लोकेऽस्मिन् चक्षुष्मन्तः प्रकीर्तिताः
 (Vidwansh ev loke Asmin in Hindi)

Vidwansh ev loke Asmin in Hindi

About
इस श्लोक के माध्यम से विद्वान लोगों को महत्ता को समझाया गया है |

विद्वांस एव लोकेऽस्मिन् चक्षुष्मन्तः प्रकीर्तिताः।
अन्येषां वदने ये तु ते चक्षुर्नामनी मते॥

अर्थात्
विद्वान् लोग ही वास्तविक आंखों वाले होते हैं, क्योंकि वे ज्ञानवान होते हैं और अपने ज्ञान रूपी आंखों से सबकुछ देखने और समझने में सक्षम होते हैं | उनके अलावा अन्य लोगों को नेत्रहीन माना गया है, क्योंकि वे केवल भौतिक आंखों वाले होते हैं और वे वर्तमान समय की परिस्थितियों में अनुसार भविष्य का आकलन नहीं कर पाते |

संदेश
 हर व्यक्ति को ज्ञानवान और विद्वान होना चाहिए |

© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 
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