Ticker

6/recent/ticker-posts

भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 3 - पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य - Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 3

भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 3 - पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य
Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 3


भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 3 - पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य - Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 3
Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 3

पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य महतीं चमूम्‌ ।
व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता ॥

दुर्योधन ने गुरु द्रोणाचार्य से कहा :-
हे आचार्य! आपके बुद्धिमान शिष्य द्रुपद पुत्र धृष्टद्युम्न के द्वारा सुसज्जित पाण्डु पुत्रों की इस भयंकर सेना को देखिए | 

इस श्लोक को समझ पाना थोड़ा थोड़ा मुश्किल हो जाता है, जब पाठक पहली बार भगवतगीता पढ़ता है | 
इस श्लोक की खास बात ये है, कि इस श्लोक के द्वारा ये दर्शाया गया है, कि दुर्योधन युद्ध से पहले सब कुछ देखना और समझना चाहता है और गुरु द्रोण जो कि बड़े हैं और युद्ध की कुशलता को जानने वाले हैं, इसलिए दुर्योधन उन्हें बताने के साथ उनके मनोभावों को भी जानने के लिए कहता है -

 "हे आचार्य! आपके बुद्धिमान शिष्य द्रुपद पुत्र धृष्टद्युम्न के द्वारा सुसज्जित पाण्डु पुत्रों की इस भयंकर सेना को देखिए |" 

भगवदगीता 
अध्याय 1, श्लोक 3  

Reactions

Post a Comment

0 Comments