भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 12 - (तस्य सञ्जनयन्हर्षं कुरुवृद्धः पितामहः )
Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 12
Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 12 |
तस्य सञ्जनयन्हर्षं कुरुवृद्धः पितामहः ।
सिंहनादं विनद्योच्चैः शंख दध्मो प्रतापवान् ॥
संजय ने धृतराष्ट्र से कहा :-
तब कुरुवंश के वयोवृद्ध परम-प्रतापी पितामह भीष्म ने दुर्योधन के हृदय में हर्ष उत्पन्न करते हुए सिंह-गर्जना के समान उच्च स्वर में शंख बजाया।
भगवदगीता
अध्याय 1, श्लोक 12
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