भगवदगीता अध्याय 2, श्लोक 16 - (नासतो विद्यते भावो नाभावो विद्यते सतः)
Bhagwadgeeta Adhyay 2, Shlok 16 in Hindi
Bhagwadgeeta Adhyay 2, Shlok 16 in Hindi |
नासतो विद्यते भावो नाभावो विद्यते सतः ।
उभयोरपि दृष्टोऽन्तस्त्वनयोस्तत्वदर्शिभिः ॥
श्री भगवान ने अर्जुन से कहा, कि......
असत् वस्तु की तो सत्ता नहीं है और सत् का अभाव नहीं है। इस प्रकार इन दोनों का ही तत्व तत्वज्ञानी पुरुषों द्वारा देखा गया है |
अर्थात् :- शरीर का कोई अस्तित्व नहीं है और आत्मा में तो कभी परिवर्तन ही नहीं होता |
- भगवतगीता
- अध्याय 2, श्लोक 16
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