Ticker

6/recent/ticker-posts

भगवदगीता - अध्याय 6, श्लोक 25 (Bhagwadgeeta Adhyay 6, Shlok 25 in Hindi)

भगवदगीता  - अध्याय 6, श्लोक 25
Bhagwadgeeta Adhyay 6, Shlok 25 in Hindi

भगवदगीता  - अध्याय 6, श्लोक 25 Bhagwadgeeta Adhyay 6, Shlok 25 in Hindi, geeta shlok hindi me, geeta adhyay 6 shlok 25 hindi me, geeta gyan hindi me
Bhagwadgeeta Adhyay 6, Shlok 25 in Hindi

शनैः शनैरुपरमेद्‍बुद्धया धृतिगृहीतया।
आत्मसंस्थं मनः कृत्वा न किंचिदपि चिन्तयेत्‌ ॥

श्री भगवान ने कहा ...

क्रम-क्रम से अभ्यास करता हुआ उपरति को प्राप्त हो तथा धैर्ययुक्त बुद्धि द्वारा मन को परमात्मा में स्थित करके परमात्मा के सिवा और कुछ भी चिन्तन न करे । 

- भगवदगीता  
- अध्याय 6, श्लोक 25
Reactions

Post a Comment

0 Comments