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अर्थागमो नित्यमरोगिता च, प्रिया च भार्या प्रियवादिनी च (Arthgamo nityam rogita in hindi)

अर्थागमो नित्यमरोगिता च, प्रिया च भार्या प्रियवादिनी च 
(Arthgamo nityam rogita in Hindi)

arthgamo nityam rogita in hindi, अर्थागमो नित्यमरोगिता च, प्रिया च भार्या प्रियवादिनी च। वश्यस्य पुत्रो अर्थकरी च विद्या षड् जीवलोकस्य सुखानि राजन् ॥
arthgamo nityam rogita in hindi


About
इस श्लोक के माध्यम से मनुष्य के सुखों की व्याख्या की गई है |

अर्थागमो नित्यमरोगिता च, प्रिया च भार्या प्रियवादिनी च।
वश्यस्य पुत्रो अर्थकरी च विद्या षड् जीवलोकस्य सुखानि राजन् ॥

अर्थ
वह व्यक्ति सुखी है,

जिसकी विद्या, धन अर्जित करके देने वाली हो |
जिसकी पत्नी प्रिय अर्थात अच्छा बोलने वाली हो |
जिसकी पत्नी उसके अनुकूल आचरण वाली हो |
जिसका पुत्र आज्ञाकारी हो |
जिसके पास प्रतिदिन धन का आवागमन होता रहे |
जो निरोग रहे अर्थात जिसे किसी भी प्रकार का कोई रोग न हो |

संदेश 
हर व्यक्ति को अपने सुख के लिए कर्म करना चाहिए | यदि आपका कर्म प्रकृति के अनुकूल है और आपके पास ये छः (उपरोक्त) हैं तो आप सुखी हैं |

© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 
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