Short love Story in hindi
एक दिन मैंने अपनी साइकिल से कहा ! चल कोई गीत सुना !
बस कहना ही था कि.... उसने मेरी ही लिखी कवितायेँ और गीत मुझे ही सुनाना शुरू कर दिया |
मैंने कहा - अरे पगली ! ये क्या ? ये तो मेरे ही लिखे गीत और कवितायेँ हैं |
तो, अकड़ के बोली !
ये गीत मेरे हैं |
तब क्या था | मैंने कहा - बदमाशी न कर !
तो उसने हस के कहा - आशीष !
तुम जब मेरी सवारी करते हो न, तब तुम्हे, तुम्हारी सारी बातें याद आ जाती हैं , और तुम बन जाते हो , दुनियाँ के सबसे बड़े लेखक कवि और रचने लगते हो, अखंड वेदनाओं के गीत और चुनने लगते हो प्रेम के मनोहर पुष्प !
क्या तुम्हे याद है ?
कि उस मंगलवार को तुमने मुझसे अपनी प्रेमिका का जिक्र किया था | तुम्हारी प्यासी आँखों में मैंने दोनों का प्रेम परिणय देखा | और मैंने पूछा भी था, कि क्या बात है ? तो तुमने झूठी मुस्कान दिखाके मेरी बातों को टाल दिया | लेकिन मैं समझ गयी थी, उन सभी बातों को, जो तुम मुझे नहीं बताना चाहते थे | अंत में तुम दो शब्द बोलके चुप हो गए |
वो बोल मैंने तुम्हे सुनाती हूँ | तुमने कहा था-
तुम अपनीं नम आँखों को मिझते हुए, अपने गंतव्य को पहुंच गए | अपनें अधूरे स्वप्न की तलाश में...
निवेदन
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