नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि, अध्याय 2(23)
nainam chindanti shastrani shloka in hindi |
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भगवद्गीता का अध्याय 2 सांख्य योग के नाम से जाना जाता है | यह श्लोक भगवद्गीता के दूसरे अध्याय का 23 वां श्लोक है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से सकल संसार को आत्मा के महत्ता के बारे में बताया है |
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ||२.२३||
श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं, कि हे अर्जुन ! आपके शरीर में व्याप्त इस आत्मा को न तो किसी शस्त्र (हथियार) से काटा जा सकता है, और न ही अग्नि इसे जला सकती है | न तो जल इसे गीला कर सकता है और न ही वायु इसे सूखा सकती है |
अर्थ ये निकलता है, कि आत्मा बहुत ही शक्तिशाली है | इसको नष्ट करने के प्रयास इसके समक्ष विफल हो जाते हैं | इसके विलय का एकमात्र उपाय परमात्मा में इसका विलय है |
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© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
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