भगवदगीता अध्याय 3, श्लोक 13 - (यज्ञशिष्टाशिनः सन्तो मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषैः)
Bhagwadgeeta Adhyay 3, Shlok 13 in Hindi
Bhagwadgeeta Adhyay 3, Shlok 13 in Hindi |
यज्ञशिष्टाशिनः सन्तो मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषैः |
भुञ्जते ते त्वघं पापा ये पचन्त्यात्मकारणात् ||
श्री भगवान ने कहा
यज्ञ से बचे हुए अन्न को खाने वाले श्रेष्ठ पुरुष सब पापों से मुक्त हो जाते हैं और जो पापी लोग अपना शरीर-पोषण करने के लिए ही अन्न पकाते हैं, वे तो पाप को ही खाते हैं |
- भगवतगीता
- अध्याय 3, श्लोक 13
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