भगवदगीता - अध्याय 4, श्लोक 37
Bhagwadgeeta Adhyay 4, Shlok 37 in Hindi
यथैधांसि समिद्धोऽग्निर्भस्मसात्कुरुतेऽर्जुन ।
ज्ञानाग्निः सर्वकर्माणि भस्मसात्कुरुते तथा ॥
श्री भगवान ने कहा ...
क्योंकि हे अर्जुन ! जैसे प्रज्वलित अग्नि ईंधनों को भस्ममय कर देता है, वैसे ही ज्ञानरूप अग्नि सम्पूर्ण कर्मों को भस्ममय कर देता है ।
- भगवदगीता
- अध्याय 4, श्लोक 37
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