भगवदगीता - अध्याय 6, श्लोक 39
Bhagwadgeeta Adhyay 6, Shlok 39 in Hindi
एतन्मे संशयं कृष्ण छेत्तुमर्हस्यशेषतः ।
त्वदन्यः संशयस्यास्य छेत्ता न ह्युपपद्यते ॥
अर्जुन ने कहा श्री भगवान ...
हे श्रीकृष्ण! मेरे इस संशय को सम्पूर्ण रूप से छेदन करने के लिए आप ही योग्य हैं क्योंकि आपके सिवा दूसरा इस संशय का छेदन करने वाला मिलना संभव नहीं है ।
- भगवदगीता
- अध्याय 6, श्लोक 39
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box.
Emoji