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सुखार्थी चेत त्यजेद विद्यां विद्यार्थी चेत त्यजेत सुखम (Chanakya niti for motivation in hindi)

सुखार्थी चेत त्यजेद विद्यां विद्यार्थी चेत त्यजेत सुखम 
(Chanakya niti for motivation in Hindi)

Chanakya niti for motivation in hindi, सुखार्थी चेत त्यजेद विद्यां विद्यार्थी चेत त्यजेत सुखम |  सुखार्थिनः कुतो विद्या विद्यार्थिनः कुतः सुखम ||
Chanakya Niti for Motivation in Hindi

About
 श्लोक में आचार्य Chanakya ने विद्यारुपी अनमोल धन को बहुत ही कठिन सिद्धि एवं त्याग से प्राप्त होने वाला बताया है | 

सुखार्थी चेत त्यजेद विद्यां विद्यार्थी चेत त्यजेत सुखम | 
सुखार्थिनः कुतो विद्या विद्यार्थिनः कुतः सुखम || 

अर्थ :- 
 विद्यार्थी  को यदि सुख की इच्छा है और यदि वह परिश्रम करना नहीं चाहता तो उसे विद्या प्राप्त करने की इच्छा का त्याग कर देना चाहिए | यदि वह विद्या चाहता है तो उसे सुख-सुविधाओं का त्याग करना होगा| क्योकि सुख चाहने वाला विद्या प्राप्त नहीं कर सकता | दूसरी ओर विद्या प्राप्त करने वालो को आराम नहीं मिल सकता | 

सन्देश :- 
सुख  और विद्याप्राप्ति में वैसे ही संधि असंभव है , जैसे प्रकाश और अंधकार का मेल| एक के रहते दूसरे का अस्तित्व खोया सा रहता है | 

- चाणक्य निति से 

© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश  

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