"अति सर्वत्र वर्जयेत्” -
Inspitrational sanskrit Quotes with meaning
Inspirational Sanskrit Quotes |
About
उपरोक्त श्लोक में किसी प्रकार की भी इच्छा, वस्तु एवं कार्यों की तरफ संकेत करते हुए उसकी अधिकता को सब जगह वर्जित बताया गया है |
"अति सर्वत्र वर्जयेत्”
अर्थ :-
"अधिकता सभी जगह वर्जित होती है "
सन्देश :-
हमें अपने जीवन में समान भाव वाला होना चाहिए, किसी भी वस्तु की तीव्र इच्छा अपने मन में नहीं पलना चाहिए , नहीं तो वही इछा हमारे विनाश का कारन बन जाता है |
उदाहरण स्वरुप :- जब नदियों में जल अधिक हो जाता है, तो वह बाढ़ रूपी प्रलय को जन्म देती है, तथा सूख जाने पर सभी के लिए कष्टदायक होता है |
- चाणक्य निति से
© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box.
Emoji