मेरा प्यार नज़र आया
short love poem for her in hindi
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"मेरा प्यार नज़र आया"
कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी" जी के द्वारा रचित एक प्रेम कविता (Romantic poetry) है | इस कविता में कवि ने एक प्रेमी के मन की बात लिखते हुए ये बताया है, कि जब एक प्रेमी चांद की सुन्दरता को देखता है तो उसमें उसे अपनी प्रेमिका नजर आती है | इसके अलावा बहुत सारी प्रेम भावनाओं को इस कविता में पिरोया गया है |
जब बहारों ने बाहों में भर के चूमा तो,
मौसम गुलज़ार नज़र आया ।
जब - जब देखा चाँद को,
मेरा प्यार नज़र आया ।।
तेरे प्रेम की अभिलाषा में मैंने,
तुझे अपनों में अमर किया ।
तेरी एक झलक खातिर,
अनगिनत गैरों समर किया ।
तव शीतल पूनम स्वभाव का,
प्रभाव मन को भाया ।
जब - जब देखा चाँद को,
मेरा प्यार नज़र आया ।।
मौसम गुलज़ार नज़र आया ।
जब - जब देखा चाँद को,
मेरा प्यार नज़र आया ।।
तेरे प्रेम की अभिलाषा में मैंने,
तुझे अपनों में अमर किया ।
तेरी एक झलक खातिर,
अनगिनत गैरों समर किया ।
तव शीतल पूनम स्वभाव का,
प्रभाव मन को भाया ।
जब - जब देखा चाँद को,
मेरा प्यार नज़र आया ।।
© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर - प्रदेश
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