चाणक्य निति विद्यार्थियों के लिए -
Chanakya Niti Students Ke Liye
About
इस श्लोक में आचार्य् चाणक्य के द्वारा विद्या के साथ के साथ - साथ विद्वान के बारे में बताया गया है |
विद्वान प्रशस्यते लोके विद्वान् गच्छति गौरवं |विद्यया लभ्यते सर्वं विद्या सर्वत्र पूज्यते ||
अर्थ :-
संसार मे विद्वान् की ही प्रशंसा होती है, विद्वान् व्यक्ति ही सभी जगह पूजे जाते हैं | विद्या से ही सबकुछ मिलता है, विद्या की सब जगह पूजा होती है |
संदेश :-
जो व्यक्ति जितना विद्वान है ज्ञानवान है उतना ही सम्मान और प्रतिष्ठा का पात्र है |
- चाणक्य निति से
© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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