Ticker

6/recent/ticker-posts

भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 10 - (अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम्‌)

भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 10 - (अपर्याप्तं तदस्माकं)
Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 10


भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 10 - (अपर्याप्तं तदस्माकं) Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 10  geeta gyan in hindi, bhagwtgeeta hindi me, geeta shlok hindi me
Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 10 
 

पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम्‌ ॥ 

अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम्‌ ।


दुर्योधन ने गुरु द्रोणाचार्य से कहा :-

इस प्रकार भीष्म पितामह द्वारा संरक्षित हमारी यह सेना सभी प्रकार से अजेय अर्थात ऐसी है जिसे जितना सुगम (आसान) नहीं है और भीम द्वारा संरक्षित उन लोगों (पांडवों) की वह सेना सभी प्रकार से जितने में सुगम है अर्थात् उसे जीता जा सकता है |


भगवदगीता 
अध्याय 1, श्लोक 10

Reactions

Post a Comment

0 Comments