Ticker

6/recent/ticker-posts

भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 27 - (श्वशुरान्‌ सुहृदश्चैव सेनयोरुभयोरपि )

भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 27 - (श्वशुरान्‌ सुहृदश्चैव सेनयोरुभयोरपि)
Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 27


भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 27 - (श्वशुरान्‌ सुहृदश्चैव सेनयोरुभयोरपि) Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 27 geeta shlok hindi, geeta gyan, geeta hindi me
Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 27 Hindi 


श्वशुरान्‌ सुहृदश्चैव सेनयोरुभयोरपि ।
तान्समीक्ष्य स कौन्तेयः सर्वान्‌ बन्धूनवस्थितान्‌ ॥

संजय, धृतराष्ट्र से कहते हैं कि....

वहाँ (युद्ध क्षेत्र में) कुन्ती-पुत्र अर्जुन ने ससुरों को और शुभचिन्तकों सहित दोनों तरफ़ की सेनाओं में अपने ही सभी सम्बन्धियों को देखा।

- भगवतगीता 
- अध्याय 1, श्लोक 27
Reactions

Post a Comment

0 Comments