भगवदगीता अध्याय 1, श्लोक 28 - (कृपया परयाविष्टो विषीदत्रिदमब्रवीत् )
Bhagwadgeeta Adhyay 1, Shlok 28
कृपया परयाविष्टो विषीदत्रिदमब्रवीत् ।
दृष्टेवमं स्वजनं कृष्ण युयुत्सुं समुपस्थितम् ॥
संजय, धृतराष्ट्र से कहते हैं कि....
तब करुणा से अभिभूत होकर शोक करते हुए अर्जुन ने कहा - हे कृष्ण! युद्ध की इच्छा वाले इन सभी मित्रों तथा सम्बन्धियों को उपस्थित देखकर ..........
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- अध्याय 1, श्लोक 28
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