भगवदगीता अध्याय 2, श्लोक 37 - (हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम्)
Bhagwadgeeta Adhyay 2, Shlok in Hindi
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| Bhagwadgeeta Adhyay 2, Shlok in Hindi |
हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम् ।
तस्मादुत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चयः ॥
श्री भगवान ने अर्जुन से कहा, कि......
हे कुन्तीपुत्र! यदि तू युद्ध में मारा गया तो स्वर्ग को प्राप्त करेगा और यदि तू युद्ध जीत गया तो पृथ्वी का साम्राज्य भोगेगा, अत: तू दृढ-संकल्प करके खड़ा हो जा और युद्ध कर |
- भगवतगीता
- अध्याय 2, श्लोक 37

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