Ticker

6/recent/ticker-posts

मैं तुझसे दूर जाऊँ कैसे ? (Sad love poetry- mai tujhse door jau kaise)

  मैं तुझसे दूर जाऊँ कैसे ? 
(Sad love Poem in Hindi)

मैं तुझसे दूर जाऊँ कैसे ?  (Sad love Poem in Hindi)
Sad love Poem in Hindi

है चाँद भी कहीं  गुम ,
और तुम भी हो गुमसुम। 
फिर,अपने दिल की बात भला,
बताऊँ कैसे ?

करना चाहता हूँ कुछ बातें तुमसे,
सुनना चाहता हूँ तुम्हारे दिल की धड़कन। 
पर, न जानें तुम क्यों कुछ कहती नहीं ?
और मेरी भी तो कुछ सुनती नहीं ?
 फिर, मैं तुम्हारे मन की बात भला,
     जानूँ  कैसे ?

मैं इतना भी परिपक़्व नहीं जो,
तुम्हारी शान्त अदाएँ समझ पाऊँ,
मैं नादाँ तुझपे समर्पित हूँ,
तो फिर कैसे अलग हो जाऊँ ,

तुम ही समझ लो न बातें सारी,
और भूल जाओ सारे शिकवे,
यदि तुम ऐसे ही प्रतिकूल रही,
 तो भला,
मैं अपना हाल तुम्हें,
 सुनाऊँ कैसे ?

क्या हो गया ?
क्या बात है ?
हर वक्त दिल में हलचल मचाने वाली,
अब इतनी क्यों शांत है ?
तेरा यूँ हो जाना अपरिचित मुझसे,
  किस बात का आभास है ?

 यदि,
 तेरा अब मुझसे कोई रिश्ता नहीं। 
तो फिर भला,
मैं अपना सम्बन्ध निभाऊँ कैसे ?
मैं तुमसे दूर जाऊँ कैसे ?

    © आशीष  उपाध्याय  "एकाकी "
     गोरखपुर , उत्तर  प्रदेश 
Reactions

Post a Comment

0 Comments