गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती
(Snan mantra in hindi)
About this Mantra
यह स्नान करते समय उच्चारित करने वाला मंत्र है |
इस मंत्र का उच्चारण हर व्यक्ति को स्नान करते समय करना चाहिए | इस मंत्र को उच्चारित करते हुए उस परमपिता परमात्मा को विनम्र होकर धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए | और ये प्रार्थना करना चाहिए कि उनकी असीम कृपा हम पर सदैव बनी रहे |
मंत्र इस प्रकार से है |
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।
अर्थ इस प्रकार से है |
हे ! गंगा, यमुना,गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी नदियों ! मेरे स्नान करने के जल में पधारिये |
अर्थात जिस जल से मैं स्नान कर रहा हूँ, उस जल में अपनी असीम कृपा कीजिए |
सन्देश
हमें अपने बाहरी शुद्धि के साथ - साथ अन्तः शुद्धि पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए |
यदि हमारा मन निर्मल है, तो हम असाध्य कार्य को भी साध्य बना सकते हैं |
© कवि आशीष उपाध्याय ( एकाकी )
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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