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आप सभी देवों को मैं प्रणाम करता हूं - Poem on Guru in hindi - Poem on Teacher's

आप सभी देवों को मैं प्रणाम करता हूं - 
Poem on Guru in hindi - Poem on Teacher's 

Poem on Guru in hindi

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About this poem
आप सभी देवों को मैं प्रणाम करता हूं। 

कवि आशीष उपाध्याय जी के द्वारा रचित गुरुभक्ति से परिपूर्ण तथा गुरुचरणानुरागी कविता है | इस कविता में कवि इस सकल संसार में उपस्थित सभी जीव जिनसे - जिनसे एक व्यक्ति के अन्तःमन में ज्ञान की उत्पत्ति होती है उनकी भूरी - भूरी प्रशंसा करते हुए गुरुगान किया है | 
हर बालक जब माँ की गोद में गिरता है, तो उसे इस नश्वर संसार के बारे में कुछ भी नहीं पता होता | फिर माँ के द्वारा उस नन्हें बालक का पालन - पोषण किया जाता है,और उस बालक को प्रारंभिक शिक्षा माँ के द्वारा ही दी जाती है | उसके बाद जीवन - पथ पर उसे बहुत सारे लोग मिलते हैं, जिनमें गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है | इस कविता में कवि हर उस व्यक्ति को गुरु का पावन दर्जा दिया है, जिससे जीवन में ज्ञान प्राप्त किया जाता है | 
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कविता इस प्रकार से है - 

गुरु चरनन की महिमा का गुणगान करता हूँ  |
आप सभी देवों को मैं प्रणाम करता हूँ  || 

आपकी ही पूजा आठों याम करता हूँ  |
आप सभी देवों को मैं प्रणाम करता हूँ ||

आपके मृदु वचनों का सम्मान करता हूँ |
आप सभी देवों को मैं प्रणाम करता हूँ  ||

यश, कीर्ति और वैभव आपके नाम करता हूँ |
आप सभी देवों को मैं प्रणाम करता हूँ ||

इस जीवन की नैया आपके हाथ करता हूँ  |
आप सभी देवों को मैं प्रणाम करता हूँ ||

जिससे ज्ञान मिला मुझको उन सबको भजता  हूँ  |
आप सभी देवों को मैं प्रणाम करता हूँ ||

© कवि आशीष उपाध्याय 
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 
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2 Comments

  1. ॐ गुरुवै नमः 🙏🏻

    प्रत्येक शब्द गुरु को समर्पित, रचनाकार को नमन है 🙏🏻

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  2. Thank you for sharing this.
    Forty years ago (I was a young bachelor then) once roaming around in the back street of Ballard Pier (Bombay then, now Mumbai) at six in the evening, I saw one young woman running to get in the bus. She was wearing a maroon saree and was around 25~30 years old. When I came back on the ship, I wrote this poem. As these days, I am compiling my work, I came across this and thought of posting hindi poetry blog here.

    ReplyDelete

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