बड़ी संघर्ष की रातें हैं (मोटिवेशनल कविता) -
Short Motivational Poems in Hindi about Success
About this poem
"संघर्ष की रातें" कवि आशीष उपाध्याय के द्वारा रचित प्रेरक एवं मार्मिक कविता है | जिसमें कवि के द्वारा लगातार संघर्ष कर रहे युवाओं की पीड़ा को कविता का रूप दिया गया है | एक युवा जब अपने सपनों के आसमान को अपनी मुट्ठी में बंद करने चलता है तो उसे इस पावन संघर्ष काल में कई प्रकार की छोटी - बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, फिर भी वो अपने मार्ग पर वीरता और धीरता परिचय देते लगातार आगे बढ़ता ही रहता है | यही युवा एक दिन स्वयं के उत्थान के अपने परिवार, गांव, शहर, क्षेत्र एवं राष्ट्र का नाम हिमालय से भी ऊँचा कर देता है और सदैव के लिए देश कण-कण में बस जाता है |
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कविता इस प्रकार से है -
पिता अबतक जो ना कह सके,
वो माँ के आँसू बताते हैं।
जो कट रही हैं, धीरे - धीरे,
बड़ी संघर्ष की रातें हैं।।
मैं भी कलेजा निकाल के,
कुछ काम किए चला रहा हूँ।
इस अतरंगी दुनियाँ को,
नया करतब दिखा रहा हूँ ।।
किससे कहूँ बातें दिल की,
यहाँ कौन सुनता है ?
दुनियाँ में हर आदमी,
बस पैसा ही चुनता है ||
अब तो दर्द भी घबरानें लगा है,
मुझे इस तरह देख कर |
कहता है, ऐ यार मेरे,
तूँ कितना सहता है ||
कुछ इस तरह मेरी साँसों का,
कारवां गुज़र रहा है।
मेरी ही तरह हर नौजवान
हर दिन-रात मर रहा है।।
© आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
1 Comments
बेहद खूबसूरत लेखनी
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