Ticker

6/recent/ticker-posts

गुणेष्वेव हि कर्तव्यः प्रयत्नः पुरुषैः सदा (guneshvev hi kartavyam in hindi)

गुणेष्वेव हि कर्तव्यः प्रयत्नः पुरुषैः सदा 
(Guneshvev hi kartavyam in Hindi)

guneshvev hi kartavyam,गुणेष्वेव हि कर्तव्यः प्रयत्नः पुरुषैः सदा। गुण्युक्तो दरिद्रो अपि नेश्वरैरगुणेः समः।।, Shemushi Sanskrit Class 9 Hindi Transl
Guneshvev hi kartavyam in hindi

About
इस श्लोक के माध्यम से मनुष्य के गुणों की महत्ता को समझाया गया है |

गुणेष्वेव हि कर्तव्यः प्रयत्नः पुरुषैः सदा।
गुण्युक्तो दरिद्रो अपि नेश्वरैरगुणेः समः।।

अर्थात् -
हर मनुष्य को हमेशा गुणों के अर्जन मे अर्थात् अपने आप को सदाचारी बनाने में ही प्रयत्न करना चाहिए |क्योंकि गुणवान व्यक्ति सब जगह प्रशंसा का पात्र है | यदि कोई गुणवान है और उसके पास धन नहीं है, तो भी वह श्रेष्ठ है | इसके विपरित यदि कोई धनवान है, लेकिन उसके पास न तो किसी भी प्रकार का सामाजिक ज्ञान है और न ही वह गुणी है, तो वह प्रशंसा का पात्र नहीं है | अतः हर व्यक्ति को अपने अनमोल जीवन में अत्यधिक सद्गुण धारण करना चाहिए |

संदेश -
हमें अपना अमूल्य समय सद्गुणों को ग्रहण करने में लगाना चाहिए |

(मृच्छकटिकम्)

© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 

Reactions

Post a Comment

0 Comments