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हे ईश मेरे ! जगदीश मेरे - Poem on Krishna in Hindi - Krishna

हे ईश मेरे ! जगदीश मेरे -
 Poem on Krishna in Hindi - Krishna

Hey Ish Mere Jagdish Mere - Poem on Krishna

रात का दामन थाम के,
दिन सो गया मुझमें |
दीये - सा मन जलता रहा,
मैं खो गया तुझमें ||

हे ईश मेरे ! जगदीश मेरे !
ढूंढूं तुझको सब में |
आती - जाती सांसें कहतीं,
मैं जिंदा हूं तुझमें ||

वृथा मोल जीवन का है,
तेरे बिन इस नश्वर जग में |
तव दरस की आस लगी मुझको,
हे गिरधारी ! सच में ||

© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 
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