तेरे लिए (प्रेम कविता)
love Poem in Hindi for girlfriend
सोचता हूँ,
कुछ लिखूँ !
तेरे लिए !
कुछ लिखूँ !
तेरे लिए !
फिर रुक जाता हूँ,
ये सोचकर,
कि तुम,
मुझे कैसे याद करती होगी ?
तब बस !
मैं केवल महसूस कहता हूँ,
और मुस्कुराता हूँ,
अकेले - अकेले,
बिलकुल तुम्हारी तरह |
जैसे तुम,
मुस्कुराती होगी,
अकेले में,
मुझे सोचकर ।।
© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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