चिन्तनीया हि विपदां आदावेव प्रतिक्रियाः -
chintniya hi vipdam adavev pratikriyah
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इस श्लोक के माध्यम से मनुष्यों के विवेक के उपयोग की बात की गई है |
संदेश
हमें नियत समय में ही परिस्थितियों को भांपकर उनके अनुकूल उनका समाधान खोज लेना चाहिए | यदि हम ऐसा करते हैं, तो हमें किसी भी प्रकार से हानि का सामना नहीं करना पड़ेगा |
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