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भगवदगीता - अध्याय 6, श्लोक 41 (Bhagwadgeeta Adhyay 6, Shlok 41 in Hindi)

भगवदगीता  - अध्याय 6, श्लोक 41
Bhagwadgeeta Adhyay 6, Shlok 41 in Hindi

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Bhagwadgeeta Adhyay 6, Shlok 41 in Hindi

प्राप्य पुण्यकृतां लोकानुषित्वा शाश्वतीः समाः ।
शुचीनां श्रीमतां गेहे योगभ्रष्टोऽभिजायते ॥

श्री भगवान ने कहा ...

योगभ्रष्ट पुरुष पुण्यवानों के लोकों को अर्थात स्वर्गादि उत्तम लोकों को प्राप्त होकर उनमें बहुत वर्षों तक निवास करके फिर शुद्ध आचरण वाले श्रीमान पुरुषों के घर में जन्म लेता है । 

- भगवदगीता  
- अध्याय 6, श्लोक 41
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