Ticker

6/recent/ticker-posts

तेरे होठों की लाली,Classic Love Poem

तेरे होठों की लाली

Classic Love Poem- tere hotho ki lali, love poems, love poems in hindi, classic love poem in hindi, hindi poem, hindi poetry, hindi kavita, hindi love
Classic love poem in hindi

तेरे होठों की लाली,
बड़ी लुभावन लगती है।
कभी बसंत की बहार,
तो, कभी सावन लगती है।।

इनके बदलते रंगो में तूँ,
बड़ी सुहावन लगती है।
कभी तू शीतल लगती है,
कभी तू पावन लगती है।।

तेरी कातिल निगाहें ही,
मुझे पागल बनाती हैं।
तनिक इन नयनों से पूछो,
कितनी मनभावन लगती हैं ।

© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"

Reactions

Post a Comment

0 Comments