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मेरा हमसफ़र मेरा गम (मोटिवेशनल कविता हिन्दी में) Inspirational poem- Mera Humsafar mera Gam

मेरा हमसफ़र मेरा गम (मोटिवेशनल कविता हिन्दी में)
Inspirational poem- Mera Humsafar mera Gam

Inspirational poem- Mera Humsafar mera Gam, inspirational poem in hindi, inspirational poetry, inspirational poetry in hindi, kavi ashish upadhyayमेरा हमसफ़र मेरा गम , कहता है हरदम |  ना घबरा साथी , तेरे साथ चलेंगे हम ||  माघ की सर्द हवाओ में साथ - साथ रहेंगे हम, वैशाख की गर्म प्रभात में पास -पास रहेंगे हम| जो कभी बरसे घनघोर सावन , तो एक-दूजे के दिलों की अथाह गहराइयों में, रोयेंगे- हॅसेंगे हम || अब, साथ-साथ चलेंगे हम  ना घबरा साथी तेरे साथ चलेंगे हम ||  तू मेरा साथी .... मैं तेरा हमदम | छोड़ सदियाँ पीछे डाले हाथो में हाथ , गाते वेदना के गीत... जीवन से मृत्यु तक, हर -पल भ्रमण करेंगे हम....  ना घबरा साथी तेरे साथ चलेंगे हम   मेरा हमसफ़र , मेरा गम  कहता है , हरदम   © कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
Inspirational poem- Mera Humsafar mera Gam

मेरा हमसफ़र मेरा गम ,
कहता है हरदम |

ना घबरा साथी ,
तेरे साथ चलेंगे हम ||

माघ की सर्द हवाओ में साथ - साथ रहेंगे हम,
वैशाख की गर्म प्रभात में पास -पास रहेंगे हम|
जो कभी बरसे घनघोर सावन ,
तो एक-दूजे के दिलों की अथाह गहराइयों में,
रोयेंगे- हॅसेंगे हम ||
अब, साथ-साथ चलेंगे हम

ना घबरा साथी
तेरे साथ चलेंगे हम ||

तू मेरा साथी ....
मैं तेरा हमदम |
छोड़ सदियाँ पीछे
डाले हाथो में हाथ ,
गाते वेदना के गीत...
जीवन से मृत्यु तक,
हर -पल भ्रमण करेंगे हम....

ना घबरा साथी
तेरे साथ चलेंगे हम

मेरा हमसफ़र , मेरा गम
कहता है , हरदम

© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 

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