शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके दुर्गा सप्तशती - हिन्दी
(Shulen paahi swanen cha- Durga saptshati)
About this shlok
"शूलेन पाहि नो देवि"
श्लोक दुर्गा सप्तशती में वर्णित है, जिसमें माँ भगवती का गुणगान किया गया है और बताया गया है, कि माँ भगवती दुर्गा किस रूप में किस स्थान पर अपनी कृपा दृष्टि करती हैं |
मन्त्र
शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके |
घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च।।
अर्थ
हे देवि ! आप शूल के द्वारा हमारा रक्षण करें |
हे अंबिके ! आप अपने खड्ग, घण्टा, ध्वनि
और धनुष की टंकार से हमारी रक्षा करें |
संदेश
हमें अपने जीवन को पूर्णतः मातारानी के पावन चरणों में अर्पित कर देना चाहिए | यदि हम ऐसा करते हैं और अपने आप को मां भवानी के चरणों में समर्पित कर देते हैं | तो मां भगवती, परमेश्वरी हमारे प्राणों की हमारे ज्ञान की
जरूर रक्षा करेंगी |
- दुर्गा सप्तशती
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